bhojan mantra
भोजन मंत्र
भोजन ग्रहण करने से पूर्ण हमें यह मंत्र बोला जाता है, हमे भोजन केवल अपने पेट भरने के लिये नहीं करना अपितु हम जिस उद्देश्य के लिये भोजन कर रहे है उसके लिये एवं उस भोजन को सादर प्रणाम जो हमे जीवन के लिये अत्यंत उपयोगी है ।ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।
ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्विषावहै॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
अर्थ: आइए हम एक-दूसरे की रक्षा करें। चलो एक साथ खाते हैं। चलो एक साथ काम करते हैं। आइए उज्ज्वल और सफल होने के लिए एक साथ अध्ययन करें। हमें एक दूसरे से नफरत नहीं करते हैं।
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
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