Sharad poonam ki ya rat chandani lyrics
शरद पूनम की या रात चाँदनी
शरद पूनम की या रात चाँदनी ने झरमर खेलन जाती
झरमर खेलत मिली गया सजना, तो बात करूंगा शरमाती
सांवरिया में तेरी संग में राजी…
मै तेरे संग में राजी रे गोविन्दा हां, मैं तेरे संग में राजी
सब सखी उनका पियू रे परदेश मैं ने लिख-लिख भेजेगा पाती
कान कुंवर म्हारा घट में विराजे तो बात करूंगा सरमाती
सांवरिया में तेरी संग में राजी…
मै तेरे संग में राजी रे गोविन्दा हां, मैं तेरे संग में राजी
सब सखी उनका पियू रे मदमाती ने मै बण जाऊं पियू मदमाती
उकलती भट्टी को हूँ हरि रस पीती, तो छक रेती दिन राती
सांवरिया में तेरी संग में राजी…
मै तेरे संग में राजी रे गोविन्दा हां, मैं तेरे संग में राजी
ईणी रे काया को हूं दिवलो संजोती ने तन मन कर दूंगा बाती
हरिराम रस को हूं तेल बणाती तो जलती रेती दिन राती
सांवरिया में तेरी संग में राजी…
मै तेरे संग में राजी रे गोविन्दा हां, मैं तेरे संग में राजी
सासरे नी जाती पियर नहीं जाती ने गुरु तो मिल्या रविदासी
कहती मीरा बाई सुनो भाई साधो अमरलोक की हूं दासी
सांवरिया में तेरी संग में राजी…
मै तेरे संग में राजी रे गोविन्दा हां, मैं तेरे संग में राजी
शरद पूनम की या रात चाँदनी ने झरमर खेलन जाती
झरमर खेलत मिली गया सजना, तो बात करूंगा शरमाती
सांवरिया में तेरी संग में राजी…
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यह भजन मुख्य रूप से शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गाया जाने वाला
अति सुन्दर भजन है, इस भजन में शरद पूर्णिमा मे मीराबाई के श्री कृष्ण के
अतुल्य प्रेम की व्याख्या बडृी ही सुन्दरता से की गई है ।
मीराबाई का ये भजन अति लोकप्रिय भी है ।
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